क्या आपको पता है अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी स्टूडेंट में हर 5 में से 1 भारतीय होता है। ये हम ऐसे ही नहीं कह रहे, बल्कि ओपन डोर्स की रिपोर्ट कहती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 10 लाख से ज्यादा विदेशी स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से करीब 20% भारतीय हैं।

इतना ही नहीं, अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी स्टूडेंट्स में 50% से ज्यादा भारत और चीन के हैं। यानी, वहां पढ़ने वाला हर दूसरा विदेशी या तो भारत का है या चीन का है। हालांकि, इसके बाद भी अमेरिका जाने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या पिछले साल के मुकाबले 9 हजार घट गई है।

विदेश में पढ़ाई करने वालों पर कोरोना ने बुरा असर डाला
इस साल की शुरुआत में जब कोरोना दुनिया में फैलना शुरू हुआ, तो दुनियाभर की यूनिवर्सिटी ने वर्चुअल क्लासेस शुरू कर दी। फरवरी की शुरुआत में कई देशों ने इंटरनेशनल ट्रैवल पर बैन लगा दिया, तो कई देशों ने वीजा पर ही रोक लगा दी। इसका सबसे बुरा असर विदेश जाकर पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स पर पड़ा।

ओपन डोर्स की 2019-20 रिपोर्ट में भारत से अमेरिका जाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में कमी आई है। ये आंकड़े कोरोनाकाल से पहले के हैं। ऐसे में कोरोना के बाद के दौर में इसमें बड़ी गिरावट आने की आशंका है। वहीं, आईस्कूल कनेक्ट के एक सर्वे में ये बात सामने आई कि कोरोना के बाद भी देश के हर 100 में से 91 स्टूडेंट विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं।

हालांकि, अब ये स्टूडेंट अमेरिका, कनाडा जैसे देशों की जगह न्यूजीलैंड, आयरलैंड और जर्मनी जैसे देशों में जाकर पढ़ना चाहते हैं। आईस्कूल कनेक्ट के हेड ऑफ स्टूडेंट सक्सेस एंजल अहमद कहते हैं, '2020 की शुरुआत से ही विदेश जाकर पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या कम होने लगी थी। नतीजतन, दुनियाभर की यूनिवर्सिटी ऑनलाइन एजुकेशन की तरफ आ गईं। हालांकि, कई पढ़ाई में ऑनलाइन एजुकेशन कारगर भी नहीं है। इसलिए, अब कॉलेज-यूनिवर्सिटी कोशिश कर रहे हैं कि स्टूडेंट दोबारा कैंपस आकर ही पढ़ाई करें।' हालांकि, कोरोना के दौर में अहमद ऑनलाइन एजुकेशन को ही सही मानते हैं।



News source :- Dainik Bhaskar

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