करीब साढ़े छह साल पहले एक दिन का बच्चा जब गुजरात के कच्छ महिला कल्याण केंद्र के मिला था, तब किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसका भविष्य स्पेन में हो सकता है। 13 नवंबर को जब इस छह साल के बच्चे हर्ष को स्पेन की रहने वाली नोर्मा मार्टिनीस ने गोद लिया, तब पूरा अनाथालय उसकी विदाई पर रो पड़ा। |
मूक-बधिर हर्ष मशीन से सुन सकता है
हर्ष को गोद लेने के लिए नोर्मा ने आश्रम से संपर्क किया था। लॉकडाउन के चलते नोर्मा करीब 6 महीने बाद इंडिया आ सकीं और बच्चे को कानूनी रूप से गोद ले लिया। अनाथ बच्चों को संभालने वाली संस्था कच्छ महिला कल्याण केंद्र और कारा संस्था के सहयोग से बच्चों का पालन-पोषण होता है।
जन्म के दूसरे ही दिन हर्ष को उसके माता-पिता कच्छ में कहीं छोड़ गए थे। जन्म के तीन से चार महीने बाद ही पता चला कि यह बच्चा गूंगा और बहरा है। कोकेल थैरेपी के जरिए आज हर्ष मशीन से सुन सकता है और थोड़ा-थोड़ा बोल भी सकता है।
नोर्मा बोलीं- थैंक्यू इंडिया
स्पेन की सिंगल मदर नोर्मा मार्टिनीस ने हर्ष को गोद में लेकर कहा - थैंक्यू इंडिया, मुझे इस बच्चे का मातृत्व देने के लिए। उन्होंने इस मौके पर आश्रम के हरेक व्यक्ति से मिलकर आभार जताया। जब संस्था ने हर्ष को उनकी नई मां नोर्मा के सौंपने की तैयारी की तो अंतिम पलों में वह अपनी बहनों से लिपटकर रोने लगा। हर्ष को रोता देख आश्रम की पूरी लड़कियां रोने लगीं। इस भावुक पल को देखकर कच्छ के पुलिस अधिकारी सौरभ सिंह भी भावुक हो गए और बोलते-बोलते रुक गए। उन्होंने बताया कि जिंदगी में ऐसा पहली बार देखा।
साढ़े छह साल तक हर्ष को आश्रम की लड़कियों ने इतने प्यार से पाल रखा था कि वह एक पल के लिए भी उनसे दूर नहीं रहता था। जब उन्हें अहसास हुआ कि वह यहां से अकेले ही जा रहा था तो दर्द छलक उठा।
हर्ष को गोद में लेकर चुप कराती रहीं नोर्मा
जब नोर्मा ने हर्ष को गोद में लिया, तब भी वह रो रहा था। इस दौरान नोर्मा उसे गोद में लेकर उसे हंसाने की काफी देर तक कोशिश की। आश्रम का भावुक पल देखकर वे भी अपने आंसू रोक नहीं पाईं। इस मौके पर कच्छ के बाल सुरक्षा अधिकारी विपुलभाई, बाल कल्याण समिति की चेयरपर्सन दीपाबेन और संस्था की प्रमुख कमलाबेन व्यास भी मौजूद थीं।
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