1. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका कंपनी की वैक्सीन दुनियाभर में कोरोना वायरस के नियंत्रण में बहुत बड़ा कदम साबित हो सकती है। वैक्सीन भारत सहित अन्य देशों के लिए महत्वपूर्ण है। यह सस्ती है, लगाने और स्टोर करने में आसान है। भारत का सीरम इंस्टीट्यूट अब तक पांच करोड़ डोज बना चुका है। इस वैक्सीन में और क्या-क्या खूबी है पढ़िए इस स्टोरी में।

ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन/ भारत सहित 190 देशों के लिए संजीवनी है ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन; कम कीमत, स्टोरेज में आसानी जैसी बड़ी खासियत

2. वर्ष 2020 अब तक का सबसे गर्म वर्ष रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि 2020 में हुई मौसम से संबंधित कई घटनाओं के होने की संभावना कम ही है। फिर भी आशंका है कि 2021 में भी पिछले साल जैसा रिकॉर्ड तोड़ने वाली घटनाएं हो सकती हैं। वैज्ञानिकों ने क्या-क्या आशंका जताई है पढ़िए इस स्टोरी में।

भीषण गर्मी, जंगलों में आग लगने और जबर्दस्त सूखा पड़ने की आशंका ज्यादा

3. कोरोना वायरस महामारी जब एशिया, यूरोप और अमेरिका में तेजी से फैल रही थी तब विशेषज्ञों को आशंका थी कि इससे अफ्रीका में तबाही फैल जाएगी। यहां वायरस पर नियंत्रण न होने की स्थिति में 2020 में तीन लाख मौतों की आशंका जताई गई थी, लेकिन इस मामले में अफ्रीका बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं वाले अमेरिका से ज्यादा बेहतर स्थिति में है। अफ्रीका ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए क्या किया पढ़िए इस स्टोरी में।

अफ्रीका कैसे कोरोना से जंग जीतने में अमेरिका से आगे?

4. 2020 अमेरिका के लिए ऐतिहासिक और उथल-पुथल भरा रहा। ट्रम्प, कोरोना और अश्वेतों का मुद्दा छाया रहा। ये घटनाक्रम भविष्य को कैसे प्रभावित करेंगे। यह जानने के लिए टाइम ने अमेरिका के प्रसिद्ध इतिहासकारों से बात की। विशेषज्ञों की क्या राय है पढ़िए इस स्टाेरी में।

इतिहास में 2020 कैसा दर्ज होगा विशेषज्ञों से जानिए
5. ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग ने इस साल कई दुखी करने वाले दृश्य दिखाए। आमतौर पर कोआला जानवर इंसानों को देखकर पेड़ पर चढ़ जाता है, लेकिन कंगारु द्वीप पर आग से किसी तरह बच गए कोआला पर जब ठंडा पानी डाला गया, तब जाकर उसे सुकून मिला। पानी डालने के थोड़ी देर बाद वह पेड़ पर जाकर छुप गया। आग से इस साल ऑस्ट्रेलिया में 3 अरब जानवरों की मौत हो गई।

जंगल-जीवन हमेशा के लिए बदला; ऑस्ट्रेलिया में आग से इस साल 3 अरब जानवरों की मौत हुई

6. जापान की राजधानी टोक्यो ने ओलिंपिक खेलों की मेजबानी पर 92 हजार करोड़ रुपए (12.6 बिलियन डॉलर) खर्च किए, लेकिन तभी कोविड-19 महामारी आ गई और आगे टल गए। ओलिंपिक ने शहर को अनिश्चितताओं से भर दिया। कोरोना के बीच ओलिंपिक गेम्स कैसे आयोजित होंगे जानिए टोक्यो की गवर्नर यूरिको कोइके से इस स्टोरी में।

ओलिंपिक का नया मॉडल पेश करना चाहता है टोक्यो

7. कोरोना की वजह से दुनियाभर में बेरोजगारी बढ़ी, आय का नुकसान हुआ। 2020 ने पैसों के मामले में भी कई सबक सिखाए हैं, जिन्हें 2021 में भी याद रखना जरूरी है। कोरोना वायरस के इस संकट में पैसे से जुड़ी पांच सीख के बारे में पढ़िए इस स्टोरी में।

2020 में पैसे से जुड़ी 5 सीख जो इस साल काम आएंगी



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