सिख गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर समापन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक राजधानी दिल्ली स्थित शीशगंज गुरुद्वारे पहुंचकर अरदास की और मत्था टेका। इस दौरान उन्होंने देश की बेहतरी के लिए भी दुआ मांगी।
लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसके लिए प्रधानमंत्री ने सुरक्षा मार्ग औऱ विशेष सुरक्षा व्यवस्था के बिना ही गुरुद्वारे का दौरा किया। इस दौरान वैसे सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे, जो आम तौर पर प्रधानमंत्री के किसी भी दौरे के पहले किए जाते हैं।
दौरे से पहले सोशल मीडिया पर साझा किया था शुभकामना संदेश
इससे पहले प्रधानमंत्री ने प्रकाशोत्सव के अवसर एक शुभकामना संदेश भी साझा किया। उन्होंने अपने संदेश में लिखा कि गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाशोत्सव के विशेष अवसर पर मैं उन्हें नमन करता हूं। उनका सर्वोच्च बलिदान कई लोगों को शक्ति और प्रेरणा देता है।
क्यों आस्था का केंद्र है शीशगंज गुरुद्वारा
बताया जाता है कि इस्लाम धर्म न ग्रहण करने पर मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर गुरु तेग बहादुर के साथ उनके अन्य शिष्यों का गला काटा गया था। इससे पहले भी औरंगजेब ने धर्म परिवर्तन को लेकर गुरु तेग बहादुर को कई तरह के प्रलोभन दिए थे। गुरु के सामने ही उनके शिष्यों की बेरहमी से हत्या कर डराने की कोशिश भी की गई थी। लेकिन इसके बाद भी गुरु तेग बहादुर अपने कर्तव्य पथ से नहीं हटे और उन्होंने कहा था कि शीश कटा सकते हैं, पर केश नहीं। इसी के चलते यह गुरुद्वारा दुनियाभर में श्रद्धा का विषय है।
from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/3nAKQlj
May 01, 2021 at 09:19AM https://ift.tt/eA8V8J
Post a Comment