आईआईटी-मद्रास के पूर्व छात्रों ने थ्रीडी प्रिंटर से महज 5 दिन में सीमेंट कंक्रीट का घर बना दिया। चेन्नई कैंपस में 600 वर्गफीट बिल्ट एरिया के अपने किस्म के पहले एक मंजिला घर को बनाने में लागत भी पारंपरिक निर्माण में लगने वाली लागत से 30% कम आई।

खास बात यह है कि आइडिया, डिजाइन से लेकर फिनिश्ड घर बनाने तक हर चीज ‘मेड इन इंडिया’ है। हाउसिंग के क्षेत्र में इसे क्रांतिकारी तकनीक माना जा रहा है। भविष्य में सस्ते व मजबूत घर बनाने के लिए ‘बिल्ड’ की बजाय ‘प्रिंंट’ शब्द का इस्तेमाल हो सकता है।

इसके निर्माण के लिए एक विशाल थ्रीडी प्रिंटर का इस्तेमाल किया गया, जो कंप्यूटराइज्ड थ्री डायमेंशनल डिजाइन फाइल को स्वीकार कर परत दर परत आउटपुट देता है। मैटेरियल के तौर पर इसमें सीमेंट, कंक्रीट के गारे का इस्तेमाल हुआ।

यह तकनीक आईआईटी मद्रास के मैकेनिकल व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के तीन पूर्व छात्रों आदित्य वीएस (सीईओ), विद्याशंकर सी (सीओओ) और परिवर्तन रेड्‌डी (सीटीओ) के स्टार्टअप टीवास्ता मैन्युफेक्चरिंग सॉल्युशंस ने विकसित की है।

इन्होंने घर के अलग-अलग हिस्सों को पहले वर्कशॉप में प्रिंट किया फिर क्रेन के जरिए चेन्नई कैंपस में जोड़ा। 600 वर्गफीट में बने इस घर में एक बेडरूम, हॉल, किचन व अन्य जरूरी हिस्से हैं। टीवास्ता के सीओओ विद्याशंकर ने बताया कि थ्री प्रिंटर से घर बनाने की तकनीक में खाली जमीन मिले तो फाउंडेशन से लेकर हर सुविधा वाला एक हजार वर्ग फीट का घर महज दो से ढाई हफ्ते में ही बन जाएगा।

यदि बड़े पैमाने पर एक जैसे घर बनाए जा रहे हों, तो एक घर पांच दिन में बनकर तैयार हो जाएगा। प्रिंट के लिए पसंदीदा डिजाइन भी दे सकते हैं। मैटेरियल भी उपयोगिता के हिसाब से बदला जा सकता है। इस तकनीक से मजदूरों की उत्पादकता बढ़ेगी और प्रदूषण भी कम होगा। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वर्चुअल तरीके से इसका उद्घाटन करते हुए कहा कि देश को इसी तरह के समाधानों की जरूरत है।

बोरवेल मशीन की तर्ज पर थ्रीडी प्रिंटर को भी किराए पर ले सकते हैं

आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. भास्कर राममूर्ति ने कहा कि जिस तरह किसान बोरवेल किराए पर लेते हैं, उसी तरह मकान बनाने की मशीन (थ्रीडी प्रिंटर) भी किराए पर ले सकते हंै। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार को इस तकनीक का पहले से पता होता, तो कई शहरों में बन रहे आवास में इसका इस्तेमाल किया जा सकता था।


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आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्रों ने भविष्य के सस्ते और मजबूत घर के लिए दिखाई राह April 28, 2021 at 06:15AM https://ift.tt/eA8V8J

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