इमरान हाशमी स्टारर 'मर्डर' और इरफान खान स्टारर 'रोग' जैसी फिल्मों के डायलॉग राइटर सुबोध चोपड़ा का निधन हो गया है। शुक्रवार सुबह करीब 11: 30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। 49 साल के सुबोध पिछले कुछ समय पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी थी, लेकिन इसके बाद हुए कॉम्प्लीकेशंस ने उनकी जान ले ली। सुबोध के छोटे भाई शंख्य ने अपने एक बयान में उनके निधन की पुष्टि की।
'पिछले शनिवार निगेटिव आ गई थी रिपोर्ट'
ई-टाइम्स से बातचीत में शंख्य ने कहा, "पिछले शनिवार उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। लेकिन सोमवार (10 मई) को उनकी हालत बिगड़ गई। उनका ऑक्सीजन लेवल अचानक से गिरने लगा। वे बहुत ही थकान महसूस कर रहे थे और उनका ब्लड प्रेशर भी बढ़ रहा था। आज सुबह उनकी हालत बिगड़ी तो मैंने उन्हें मलाड के लाइफलाइन हॉस्पिटल में भर्ती कराया। लेकिन कार्डियक अरेस्ट से उनकी मौत हो गई। ये सभी वे कॉम्प्लीकेशंस हैं, जो कोविड फ्री होने के बाद आए।"
अधूरी रही हिंदी फिल्म के डायरेक्शन की ख्वाहिश
शंख्य ने इस बातचीत में बताया कि सुबोध हिंदी फिल्म डायरेक्ट करना चाहते थे, लेकिन उनकी यह ख्वाहिश अधूरी ही रह गई। उन्होंने मलयालम में 'वसुधा' निर्देशित की थी और वे बहुत ही टैलेंटेड थे।" सुबोध और शंख्य एक-दूसरे के बेहद क्लोज थे और साथ ही रहते थे।
1997 से कर रहे थे काम
सुबोध चोपड़ा एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में 1997 से लगातार एक्टिव थे। उन्होंने डीडी-1 के सीरियल 'रिपोर्टर' से बतौर स्क्रीन और डायलॉग राइटर इंडस्ट्री में कदम रखा था, जिसे विनोद पांडे ने डायरेक्ट किया था और शेखर सुमन, मोना आंबेगांवकर और दिवंगत राज किरण ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कई विज्ञापनों का निर्देशन किया था।
डॉक्युमेंट्री 'इम्मॉर्टल्स ऑफ कारगिल' बनाई थी
सुबोध की अन्य फिल्मों की बात करें तो उन्होंने 'नजर' (2005) के डायलॉग्स, 'दोबारा' (2004) का स्क्रीनप्ले, 'तुमसा नहीं देखा' की कहानी लिखी थी। उन्होंने 'इम्मॉर्टल्स ऑफ कारगिल' नाम की डॉक्युमेंट्री लिखी थी और निर्देशित भी की थी। इसके अलावा उन्हें टीवी सीरियल 'हकीकत' का एक एपिसोड और 'रिश्ते' के 6 एपिसोड भी लिखे थे। उन्हें 'सावधान इंडिया' के कई एपिसोड्स डायरेक्ट करने के लिए भी जाना जाता है।
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May 14, 2021 at 04:58PM https://ift.tt/eA8V8J
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