पिछले दो सालों में कंगना रनोट ने जितनी सुर्खियां बटोरी हैं वो काम से ज्यादा विवादों से जुड़ी रही हैं। NRC-CCA से लेकर किसान आंदोलन और फिर बंगाल चुनाव के बाद हुई हिंसा। कंगना ने अपनी बेबाक राय रखी, लेकिन, इसका खासा खामियाजा कंट्रोवर्सी क्वीन को भुगतना पड़ा। कभी कंगना की झोली में कई ब्रांड्स के एंडोर्समेंट्स थे, लेकिन अब लगभग न के बराबर हैं। एक तरह से कहा जाए तो ब्रांड कंगना की वैल्यू ग्लैमर की दुनिया में डाउनफॉल पर है।

4 नेशनल अवॉर्ड और पद्म पुरस्कार पाने वाली कंगना ने अपने काम से सभी को हर बार चौंकाया है, लेकिन बाजार के जानकारों का मानना है कि उनकी ब्रांड वैल्यू में आई गिरावट का कारण भी वो खुद ही हैं। उनके हर मुद्दे पर बेबाक बयानबाजी और इंडस्ट्री के लोगों के खिलाफ हो जाना इसका एक कारण है। इस कारण ज्यादातर ब्रांड्स ने उनसे रिश्ता तोड़ लिया।

रफ एंड टफ भी, सौंदर्य और फैशन की देवी भी
कंगना ने जितने अलग-अलग तरह के किरदार निभाए हैं, वैसी ही विविधता उनके द्वारा एन्डोर्स की गई ब्रांड में भी देखने को मिली। रिबॉक शूज की ब्रांड में उनकी रफ एंड टफ इमेज नजर आती थी, तो नक्षत्र ज्वेलरी में वह सौंदर्य की मूर्ति लगी थीं। आस्क मी ग्रोसरी के एड में वह 'गर्ल नेक्स्ट डोर' वाली इमेज में भाती थीं, तो टाइटन I+ में अपनी फैशन चॉइस फ्लॉन्ट करती नजर आई थीं।

लिवॉन सिरप और बजाज ऑमंड ड्राप तेल से से अपने बालों को भी सहलाती थीं, तो स्वच्छ भारत अभियान में लक्ष्मी जी के स्वरूप में लोगों को अपने आसपास की जगह को स्वच्छ रखने का महत्व भी जताती थीं। इसके अलावा कंगना वॉयला ज्वेलरी, वेरो मोडा फैशन ब्रांड, लो मेन पीजी थ्री, मिंत्रा और हिमाचल प्रदेश टूरिज्म के लिए भी एंडोर्समेंट करती थी।


खुद कंगना ने स्वीकार किया, ब्रांड छूट रहें हैं
कंगना ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि किसान आंदोलन के खिलाफ अपनी राय जाहिर करने के बाद उन्हें 15 करोड़ रुपये के ब्रांड एंडोर्समेंट गंवाने पड़े थे। यह सिलसिला इतना चला कि आज की तारीख में देखें तो कंगना के पास शायद लिवा फैब्रिक और मुंबई के एक बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन ग्रुप प्लेटिनम के लिए ब्रांड एम्बेसडर के कॉन्ट्रैक्ट सिवा और कोई बड़ा ब्रांड नहीं है।

लिवा फैब्रिक बिरला ग्रुप की ग्रासिम इंडस्ट्री की ब्रांड है। ‘भास्कर’ ने ग्रासिम इंडस्ट्री से लिवा और कंगना के एसोसिएशन लेकर सवाल पूछे पर उसका जवाब नहीं मिला। इमामी के खुद के यूट्यूब चैनल पर अभी भी कंगना की एड मौजूद हैं, लेकिन वह बहुत नीचे दिख रहे हैं। इस ग्रुप के दूसरे ब्रांड के एड्स में सलमान खान, आयुष्मान खुराना ,अमिताभ बच्चन और जूही चावला दिख रहें है, लेकिन कंगना की एड हाइलाइट नहीं हो रही। इमामी ग्रुप ने भी इस बारे में ‘भास्कर’ के सवाल का जवाब नहीं दिया।

ब्रांड वैल्यू के हिसाब के कंगना टॉप ट्ववेटी में नहीं
अंतरराष्ट्रीय फर्म डफ एंड फैल्प्स ने तीन महीने पहले ही ब्रांड वैल्यू के हिसाब से भारत की टॉप 20 सेलिब्रिटी की एक लिस्ट जारी की थी। इस में पांच करोड़ की ब्रांड वैल्यू के साथ दीपिका पांचवें नंबर पर थीं। आलिया छठे पर, अनुष्का 13वें पर और 1.59 करोड़ डॉलर के ब्रांड वैल्यू के साथ प्रियंका 19वें क्रम पर थीं। कंगना इस लिस्ट में शामिल नहीं थीं।

कंगना ने अभी कुछ समय पहले ही धर्मा प्रोडक्शन की ‘दोस्ताना-2’ से निकाले जाने वाले कार्तिक आर्यन का समर्थन किया था। कार्तिक लिस्ट में 1.5 करोड डॉलर की ब्रांड वैल्यू के साथ 20वें नंबर पर हैं।

वह एंडोर्समेंट भी छूटा जो शायद था ही नहीं
ट्विटर अकाउंट सस्पेंड हो जाने के बाद ड्रेस डिजाइनर आनंद भूषण और रिमझिम दादू ने कंगना के साथ अपना एंडोर्समेंट खत्म करने का और उनकी सारी तस्वीरें अपने सोशल मीडिया से हटाने के ऐलान किया था। लेकिन, कंगना की बहन रंगोली चंदेल ने तुरंत स्पष्टीकरण दिया था कि इनके साथ कंगना का कोई एंडोर्समेंट कभी था ही नहीं। रंगोली ने इन डिजाइनर्स के खिलाफ केस करने की चेतावनी भी दी है।

एंडोर्समेंट से कंगना की कमाई के कयास
कोई भी सेलिब्रिटी ये खुलेतौर पर कभी नहीं बताते कि उन को एक एंडोर्समेंट के लिये कितने पैसे मिलते हैं। लेकिन, इंडस्ट्री के लोगों की बात मानें तो ब्रांड और कितने मीडियम पर कितने अरसे तक एड चल सकते हैं, उसके हिसाब से चार्ज तय होते हैं। कंगना के बारे में ये चार्ज कम से कम 25 लाख से शुरू होते हैं और प्रचार सिर्फ एक इवेंट के लिए है, टीवी कमर्शियल के लिए है, किसी शो के लिए है वह सारी चीजों के अनुसार यह चार्ज करोड़ों में होते हैं। माना जाता है कि एक फिल्म के लिए कंगना 15 से 20 करोड़ चार्ज करती हैं, इस समय वो बॉलीवुड की हाइएस्ट पेड एक्ट्रेस हैं।


सोशल मीडिया अकाउंट बंद, मतलब इनकम का एक सोर्स भी गया
सारे स्टार्स के लिए सोशल मीडिया अकाउंट सिर्फ अपनी फिल्मों के प्रमोशन या अपने फैन के साथ संपर्क में रहने का साधन ही नहीं, बल्कि आय का एक सोर्स भी है। स्टार्स के ब्रांड एंडोर्समेंट में सोशल मीडिया से एक पोस्ट भी शामिल होती है और प्रियंका चोपड़ा, अमिताभ बच्चन और दूसरे कई सारे सेलेब्स को एक ब्रांड के लिए एक पोस्ट करने के लिए भी लाखों रुपये ऑफर होते हैं। कंगना का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड हो गया है, इसका एक मतलब ये भी है कि उनका सोशल मीडिया के जरिए आय का एक सोर्स बंद हो गया है। ट्विटर पर कंगना के 30 लाख फॉलोअर्स थे। हालांकि, इंस्टाग्राम पर कंगना को 80 लाख लोग फोलो करते हैं, इसलिए उनके पास सोशल मीडिया एंडोर्समेंट का वो रास्ता खुला है।

बॉलीवुड में क्या कंगना अकेली रह गई हैं?
बॉलीवुड से अनुपम खेर, परेश रावल और मनोज जोशी जैसे कई सारे एक्टर्स और दूसरे सेलेब्स भाजपा के मुद्दों के अनुरूप पोस्ट करते रहते हैं, लेकिन कंगना का ट्विटर अकाउंट बंद होने पर भाजपा के समर्थक माने जाने वाले कई सेलेब्स खुलकर कंगना के पक्ष में नहीं आए हैं। भाजपा के कुछ लोगों ने ट्विटर पर #RestoreKangana ट्रेंड चलाया था लेकिन उसमें बॉलीवुड से कोई नहीं जुड़ा।

खुद की प्रोडक्शन कंपनी
कंगना की ‘थलाइवी’ फिल्म रिलीज होने की कगार पर है। इसके अलावा उनकी ‘धाकड़’ और ‘तेजस’ भी आ रही है। इन फिल्मों में कंगना के अलावा बॉलीवुड का दूसरा कोई बड़ा नाम नहीं जुड़ा है। कंगना अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुकी हैं, लेकिन शायद अब कोई कंगना के साथ किसी भी प्रोजेक्ट में शामिल नहीं होना चाहता। कंगना ने हाल ही में खुद की प्रोडक्शन कंपनी शुरू की है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद आने वाले समय में कंगना सिर्फ इसी प्रोडक्शन में काम करें, या फिर फुल टाइम पॉलिटिक्स ही ज्वाइन कर लें।

बेबाक बोलती कंगना फिलहाल मौन
‘भास्कर’ ने ब्रांड वैल्यू के हिसाब से कंगना का पक्ष जानना चाहा। कंगना की टीम ने बताया कि वो अभी बात नहीं कर सकती क्योंकि वह कहीं व्यस्त हैं। कंगना ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी शुरू की है, उसकी ईमेल ID पर भेजे गये सवाल का भी कोई जवाब नहीं दिया गया है।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन ब्रांड के चीफ मेंटर डॉ. संदीप गोयल
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन ब्रांड के चीफ मेंटर डॉ. संदीप गोयल
क्या अपनी ब्रांड वैल्यू खुद खत्म करने पर तुली हैं कंगना?
कंगना का ब्रांड जिस तरह से बना और अभी जिस तरह से वो ढल रहा है, ये ह्यूमन ब्रांड के अध्ययन में एक केस स्टडी जैसा है। कैसे कंगना खुद अपनी ब्रांड वैल्यू गिरा रही हैं, इस पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन ब्रांड के चीफ मेंटर डॉ. संदीप गोयल से ‘भास्कर’ ने खास बात की:

क्या ट्विटर प्रतिबंध का असर कंगना की ब्रांड वैल्यू पर हुआ है?
यह ट्वीट का मसला वास्तव में लंबे अरसे से बन रही कहानी का एक हिस्सा मात्र है। पिछले साल से कंगना बहुत ही नकारात्मक, लड़ाकू और कई बार तो अपमान की कगार पर आती नजर आई हैं। इसलिए, कंगना के हाल के ट्वीट्स में कुछ नया या फिर हैरतअंगेज कुछ नहीं है। ब्रांड कंगना कुछ अरसे से सुसाइडल मोड पर है। कंगना ने अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मारने का ये एक और प्रयास किया है।

क्या कोई एक घटना या विवाद से ब्रांड इमेज और ब्रांड के ख्याल पर असर हो सकता है?
जैसा मैंने पहले भी कहा कि ये कोई अकेली घटना नहीं है। सुशांत सिंह राजपूत का केस, उद्धव ठाकरे से संघर्ष, BMC के साथ लडाई ये सब बताते है कि कंगना लंबे समय से झगड़ा मोल लेने के मूड में हैं। बहुत सारे ब्रांड्स कंगना की नाहक आक्रामकता की वजह से पीछे हट गए हैं। आज कोई ब्रांड कंगना की नकारात्मकता और आक्रामक बर्ताव के धब्बे खुद पर भी लगे ऐसा जोखिम उठाना नहीं चाहेगा। शायद कुछ मुद्दों पर कंगना ने सही बात भी की है, लेकिन वो जिस तरीके से अपनी बात रखती हैं उसमें कोई शालीन और सभ्य बर्ताव नहीं दिखता। ब्रांड कोइ दमदार पर्सनालिटी चाहते हैं लेकिन इतनी भी नहीं।

कंगना के ये विवाद को छोड दें तो एक सेलिब्रिटी के रूप में वे बहुत प्रतिभावान हैं। तो कोई ब्रांड जब एंडोर्समेंट तय करता है, तब सबसे प्रभावी क्या होता है? कोई एक विवाद या तो फिर उस सेलिब्रिटी का संपूर्ण व्यक्तित्व?
कंगना का कोई एक ही विवाद नहीं है। वो हर हफ्ते नया विवाद खड़ा कर देती हैं, जिसमें हर प्रकार का द्वेष होता है। अभी एक साल पहले तक कंगना ने अपनी एक बहुत ही दमदार और मजबूत छवि बनाई थी। जिसकी वजह से वह कई ब्रांडस की पसंदीदा कलाकार रहीं, लेकिन सही में अब उसके साथ काम करना बहुत जोखिम भरा हो चुका है।

प्रचार की दुनिया में ऐसा भी कहा जाता है की नकारात्मक प्रचार भी एक तरह का प्रचार ही है। क्या यह बात ब्रांड एंडोर्समेंट में भी लागू होती है?
हां ऐसा हो सकता है, पर उसमें आप को एक मर्यादा में रहना होगा। अक्षय कुमार का भाजपा की विचारधारा के प्रति झुकाव सब जानते हैं। पर, खेमे में रहकर भी अक्षय कभी विवेकहीन या नकारात्मक नजर नहीं आए। इस लिए वे सरकार की योजनाओं का प्रचार करते हैं, या हिंदुत्व के खेमे में हैं फिर भी उनके प्रशंसक बटे नहीं हैं।

कंगना के साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। यह ब्रांड स्ट्रैटेजी भी तो हो सकती है?
कंगना की राजनीतिक महत्वाकांक्षा छिपी नहीं है। लेकिन, वह उस राह पर बड़े नकारात्मक रवैये से आगे बढ़ रही हैं। वो ज्यादा दोस्त बनाने के बजाय ज्यादा दुश्मन खड़े कर रही हैं। वो खुद एक पावरफुल ब्रांड थीं, पर उन्होंने खुद अपने ब्रांड को नष्ट कर दिया। जब आप एक विवादित व्यक्ति बन जाते हो तब आपकी विश्वसनीयता खत्म होने लगती है और वो फिर कभी वापस नहीं आती।


from बॉलीवुड | दैनिक भास्कर https://ift.tt/3eD4x8Y
पिछले दो सालों में कंगना ने जिस तरह के बयानों से खुद को विवादों से जोड़ा है वो अपनेआप में एक केस स्टडी है May 11, 2021 at 11:59AM https://ift.tt/eA8V8J

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