US प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प हाल में हुए राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन बड़े अंतर से चुनाव जीते हैं, लेकिन ट्रम्प इस जीत को मानने से इनकार कर रहे हैं। सोमवार को उन्होंने ट्वीट कर इस बार हुए चुनाव को इतिहास का सबसे कपटपूर्ण चुनाव बताया।
उधर, ट्रम्प कैम्पेन चुनाव में गड़बड़ी के अपने आरोपों को पुख्ता साबित करने के लिए एक आईटी वर्कर को गवाह के तौर पर सामने लाया है। आईटी वर्कर का दावा है उसने डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थकों को वोटिंग के दौरान गड़बड़ी करते देखा था। ट्रम्प के वकीलों का कहना है कि यह वर्कर जो बाइडेन की ओर से चुनाव में हुए फर्जीवाड़े की चश्मदीद है।
वीडियो में गड़बड़ी का दावा
डेट्राइट की IT वर्कर मेलिसा कारोन ने एक वीडियो के जरिए अपनी बात कही है। इस वीडियो में वे कह रही हैं कि TCF सेंटर के पोल वर्कर्स ने 50 वोट का एक ही बैच 8 से 10 बार काउंटर पर दिया। मेलिसा को डोमिनियन वोटिंग सिस्टम की ओर से बैलट-काउंटिंग मशीनों पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया था।
उनका दावा है कि 24 घंटे की शिफ्ट के दौरान उन्होंने सिर्फ बाइडेन के नाम के ही वोट देखे। राष्ट्रपति ट्रम्प के लिए एक भी वोट नहीं था।
फर्जी वोट तैयार करने का आरोप
मेलिसा ने कहा कि वोटिंग प्रोसेस की कोई कानूनी निगरानी नहीं हुई। उन्होंने पोल वर्कर को डुप्लीकेट वोट तैयार करते और खुलेआम नतीजों की चोरी करते देखा। मेलिसा ने बताया कि उन्होंने ये सारी बातें जांच एजेंसी FBI को भी बताई हैं।
ट्रम्प कैम्पेन की वकील सिडनी पॉवेल ने बताया कि वह और दूसरे वकील चुनाव में हेराफेरी, वोटों में बदलाव और कुछ अधिकारियों के बारे में सबूत जमा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के खिलाफ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी होने वाली थी। यह तय था कि ऐसा डेट्राइट जैसे डेमोक्रेटिक पार्टी के गढ़ में किया जाएगा, जहां पहले से भ्रष्ट मशीनरी मौजूद है।
पोलिंग कंपनी रैसमुसेन रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि बाइडेन ने चार राज्यों मिलवॉकी, अटलांटा, फिलाडेल्फिया और डेट्राइट में हिलेरी क्लिंटन के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। यहां रजिस्टर्ड वोटों से ज्यादा वोटिंग हुई है। यही वजह है कि ट्रम्प ने यहां के नतीजों को नहीं माना है।
News source :- dainik bhaskar
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