अमेरिका की बॉयोटेक कंपनी मॉडर्ना ने सोमवार को कोविड-19 वैक्सीन का ऐलान किया। कंपनी का दावा है कि यह वैक्सीन कोरोना के मरीजों को बचाने में 94.5% तक असरदार है। यह दावा लास्ट स्टेज क्लिनिकल ट्रायल के नतीजों के आधार पर किया गया है। खास बात यह है कि यह वैक्सीन 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में 30 दिन तक सुरक्षित रह सकती है।

कंपनी ने बताया कि फेज-3 के ट्रायल में अमेरिका में 30,000 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया। इनमें 65 से ज्यादा हाई रिस्क कंडीशन वाले और अलग-अलग समुदायों से थे। कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव स्टीफन बैंसेल ने इस कामयाबी को वैक्सीन के डेवलपमेंट में एक अहम पल करार दिया। इस पर कंपनी जनवरी की शुरुआत से काम कर रही थी 

वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगेगी कंपनी

इमरजेंसी में वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी के लिए मॉडर्ना ने आने वाले हफ्तों में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के पास एप्लीकेशन देने की योजना बनाई है। उम्मीद जताई जा रही है कि साल के आखिर तक अमेरिका में इस वैक्सीन की 2 करोड़ डोज मिल जाएंगे। अगले साल तक दुनिया में 50 करोड़ से 1 अरब डोज बनाने की योजना है।

अब तक की सबसे असरदार वैक्सीन

इससे पहले अमेरिका की ही कंपनी फाइजर और उसकी सहयोगी जर्मनी की बॉयोएनटेक ने 90% से ज्यादा कारगर वैक्सीन का दावा किया था। वहीं, रूस के रिसर्च सेंटर की स्पुतनिक वी वैक्सीन का असर 92% रहने का दावा किया गया था। अमेरिका की एक और दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने कोविड -19 की रोकथाम के लिए अपनी वैक्सीन के दो डोज का फेज थ्री टॉयल शुरू कर दिया है।

कोल्ड स्टोरेज से जुड़ी परेशानी खत्म होगी

कंपनी का यह भी कहना है कि वैक्सीन को बहुत ठंडे तापमान में रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में 30 दिन के लिए रेफ्रीजरेट किया जाता है। यह समय बायोएनटेक और फाइजर की वैक्सीन की तुलना में काफी ज्यादा है। यह -20 डिग्री सेल्सियस (-4 फारेनहाइट) तापमान में छह महीने तक और कमरे के सामान्य तापमान में 24 घंटे तक सुरक्षित रह सकती है।

फाइजर की वैक्सीन नॉर्मल फ्रिज में महज पांच दिन तक सुरक्षित रह सकती है। ज्यादा समय तक स्टोरेज के लिए उसे माइनस 70 डिग्री सेल्सियस पर रखना पड़ेगा। अभी वैक्सीन को बड़ी आबादी तक पहुंचाने में सबसे बड़ी रुकावट उसके स्टोरेज में आने वाली परेशानियां ही हैं। यह वैक्सीन सामान्य तापमान में भी सुरक्षित रहती है तो उसके स्टोरेज की चिंता खत्म हो जाएगी।

मॉडर्ना के मुताबिक, इतना टेम्परेचर आसानी से उपलब्ध होने वाले मेडिकल फ्रीजर और रेफ्रिजरेटर में मेंटेन किया जा सकता है। इससे हम अमेरिका और दुनिया के अन्य हिस्सों में वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन में सक्षम होंगे।

महामारी के खत्म होने की उम्मीद जागी
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ग्लोबल हेल्थ नेटवर्क के डायरेक्टर प्रोफेसर ट्रूडी लैंग ने मॉडर्ना के ऐलान को वास्तव में बहुत अच्छी खबर बताया है। उन्होंने कहा कि यह वाकई में उत्साह बढ़ाने वाला है। यह दिखाता है कि कोविड के लिए वैक्सीन बनने की पूरी संभावना है।

यह खबर दुनिया भर में 13 लाख से ज्यादा मौतों की वजह बनने वाली और पूरी दुनिया में आर्थिक उथल-पुथल मचाने वाली महामारी को खत्म करने की उम्मीद जगाती है। अमेरिका में अब तक कोरोना मरीजों की संख्या एक करोड़ 10 लाख का आंकड़ा पार कर गई है। इसके अलावा यूरोप में भी इसके मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

कोरोना को खत्म करने की ओर सबसे मजबूत कदम

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज के डायरेक्टर डॉ. एंथनी फौसी ने मॉडर्ना के ऐलान के बाद कहा कि मुझे लगता है कि यह महामारी पर काबू करने में सबसे मजबूत कदम है। उन्होंने कंपनी के डाटा को काफी असरदार बताया है। कंपनी ने कहा कि एनालिसिस में सेफ्टी से जुड़ा कोई मसला सामने नहीं आया है। यह एनालिसिस ट्रायल में शामिल 95 कोरोना मरीजों पर आधारित था।

फौसी ने अनुमान लगाया कि दिसंबर के आखिर तक मॉडर्ना और फाइजर दोनों की वैक्सीन हायर रिस्क कैटेगरी के लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद हमें लोगों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंस रखने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए।



News source : dainik bhaskar

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