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.अहमदाबाद के एक अस्पताल में स्टाफ की बड़ी लापरवाही सामने आई है। एलिस ब्रिज इलाके में स्थित वीएस हॉस्पिटल की मोर्चरी से एक वृद्धा का शव किसी दूसरे परिवार को सौंप दिया गया। इस परिवार ने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया, लेकिन यह वृद्धा उनके परिवार की सदस्य नहीं थीं। पता तब चला, जब वृद्धा का बेटा कनाडा से शव लेने के लिए वीएस अस्पताल पहुंचा। बेटे को जब मोर्चरी में में शव नहीं मिला तो वो हैरान रह गया।
वेजलपुर में रहने वाली लेखाबेन चंद (65) का 11 नवंबर को देहांत हो गया था। बेटा कनाडा से आने वाला था। परिवार ने शव मोर्चरी में रखवा दिया था।
13 नवंबर को जब मृतका का बेटा अहमदाबाद पहुंचा और अस्पताल गया। वहां अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 'शव की अदला-बदली हो गई'। उन्होंने बताया कि शव ले जाने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पर, सवाल ये है कि शव ले जाते समय ही उसकी पहचान क्यों नहीं की गई।
अस्पताल में CCTV कैमरे भी नहीं
लेखाबेन चंद के परिवार ने कहा कि अस्पताल में CCTV कैमरे नहीं हैं और उसने ऐसे शवों का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा। ऐसे में शवों की अदला-बदली या गायब हो जाने की आशंका बढ़ गई है।
वृद्धा के बेटे अमित चंद ने कहा कि आखिरी बार अपनी मां का चेहरा देखने के लिए मैंने करीब 36 घंटे का सफर किया। यहां हमने उनके स्थान पर एक पुरुष का शव पाया। अधिकारियों के पास दस्तावेज नहीं हैं, जो हमने शव के साथ सौंपे थे। हमें कोई रसीद नहीं दी गई थी।
यहां सबसे ज्यादा हैरानी वाली बात यही है कि अगर अस्पताल स्टाफ से गलती हुई भी तो शव ले जाने वाले व्यक्ति ने भी महिला की पहचान क्यों नहीं की।
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